जैसा की पिछले पोस्ट में पीसीएस से संबन्धित जी०एस० और निबंध व हिन्दी हेतु मेरा अनुभव था उसी परिप्रेक्ष में optionals जो की 800 नंबर के होते है, के बारे में कोई एक-ही strategy नही हो सकती क्यूकि विभिन्न optionals का sylabbus और लोकप्रियता भी आवश्यक निर्धारक है। मेरा स्वयं का अनुभव लोक प्रशासन व समाजशास्त्र तक सीमित है और समाज कार्य के प्रश्न पात्रो का भी अवलोकन किया है। विषय ( OPTIONALS )- पीसीएस में यह अच्छाई है कि सिलैबस सीमित है और प्रश्न प्रायः उसी से आए है और सेक्शन A वा B का विभाजन मेन्स में काफी मदद करता है। जैसे साइमन का decision- मेकिंग है , लोक प्रशासन में LIKERT,Mcgregor नहीं है। बेहतर ये होगा की पिछले 5 वर्षो के प्रश्नो को अछि तरह से लिख के तैयार कर ले और किसी से चेक करा ले। जो लोग आईएएस की तयारी कर रहे है या mains दिया है , उनको ये समस्या होगी की यूपीएससी में अब 200-300 शब्दो के उत्तर लिखने होते है और पीसीएस में 600-700 शब्दो में लिखना है। इसे आप इस तरह से tackle कर सकते है की उसके उत्तर में case studies का , examples का , elaboration of
Personal opinions and thoughts, mostly book reviews as everything we want to talk, to know, to express can be deciphered in lines written by someone completely stranger to you.