तो आज अपने इस ब्लॉग में हम लोग नई किताब " इलाहाबाद ब्लूज " की चर्चा करेंगे, जोकि अंजनी कुमार पांडे जी ने लिखा है । इसका प्रकाशन हिंदी युग्म, नोएडा ने संस्मरण के रूप में किया है। जैसा की किताब के नाम से ही इंगित होता है कि इस किताब का इलाहाबाद शहर से संबंध है जिसे अब प्रयागराज नाम से भी जाना जाता है। लेखक की यह पहली किताब है जो कि प्रकाशन में आई है और इसका अगर हम अगर हम भूमिका देखेंगे तो हमें समझ में आएगा कि ही लेखक के संघर्ष की दास्तान है जो कि उसने एक छोटे शहर में, छात्र जीवन से शुरू होते हुए भारतीय राजस्व सेवा में चयन तक की कहानी है । यह कहानी सिर्फ लेखक के जीवन चरित्र या जीवन यात्रा की ही नहीं है बल्कि एक कहानी है हजारों हजार युवाओं की , कई रीति-रिवाजों की, उन कई गांवों की जिनके मोहल्ले समय के साथ उजड गए, उन कई किस्से और कहानियों की जो किसी भी एक मध्यम वर्गीय परिवार द्वारा अपनी महसूस की का सकती है। मूलतः किताब को लेखक ने तीन भागों में बांटा है स्मृतियां, मध्यांतर और वर्तमान । अपने जीवन संघर्ष से शुरू हुई किताब को लेखक ने मानस की इस चौ
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